Sunday, January 12, 2014

You Can Sell Anything If You Offer Your Customers Something Extra - Management Funda - N Raghuraman - 12th January 2014

ग्राहकों को 'एक्स्ट्रा' देंगे तो आप कुछ भी बेच सकते हैं

मैनेजमेंट फंडा - एन. रघुरामन


गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर है हिल स्टेशन- सापुतरा। वहां के छोटे-से बाजार पर उसका एकछत्र राज है। हर कोई उससे डरता है। अमरूद या मकई हाथ में पकड़कर वह सीधे ग्राहक की नाक तक ले जाती है। दावे के साथ कहती है -'मार्केट में बेस्ट है।' बेस्ट होते नहीं हैं। लेकिन वह अपने व्यक्तित्व के दम पर ही उन्हें बेच देती है। गुजराती और मराठी बोलने वाले नियमित यात्री उसकी दुकान पर आते हैं। कुछ न कुछ खरीदते हैं। फिर उससे बातें करने लगते हैं। उसकी आवाज कोहरे की सूचना देने वाले सायरन की तरह लगती है। पर्यटकों और उन्हें लुभाने की कोशिश करने वाले टैक्सी ड्राइवरों के शोर में भी सहजता से उसे सुना जा सकता है। कई भाषाएं बोलने वाली यह महिला ऊपर उठी हुई स्ट्रॉ बास्केट में पैर फैलाकर बैठती है। फूलों वाली लेकिन गंदी कॉटन साड़ी पहनती है। पल्लू को संकरे चाबुक की तरह सीने पर लपेटती है। साड़ी को गंदा होने से बचाने के लिए चेक्स वाला गंदा टॉवेल मोटी कमर पर लपेटती है। उसी टॉवेल से वह चाकुओं को साफ करती है, जिनसे फलों को काटती है। मकई के छिलके उतारती है। उसका चेहरा गोल है। एक कप रूपी केक की तरह सूजा हुआ। जब वह ग्राहक का ध्यान खींचने के लिए मुड़ती है तो पहले गर्दन मुड़ती है। बाद में शरीर के बाकी हिस्से। वह सस्ते और भड़कीले रंग के प्लास्टिक टब में अंगूर, अमरूद, मकई, उबले मूंगफली दाने रखती है। एक तरह से अपने आसपास सेमी-सर्कल में। फिर वह अपने कुत्ते को बुलाती है। कुछ बार पुकारने पर एक डरावना नजर आने वाला खरसैला कुत्ता वहां आता है। उसकी आंखों में डर देखा जा सकता है। दुबला-पतला, मरियल और हतोत्साहित नजर आने वाला जानवर। शरीर पर कई जगहों से फर भी गायब है। 
 
Source: You Can Sell Anything If You Offer Your Customers Something Extra - Management Funda By 

वह इसे सहन कर रही है। इसकी भी अपनी वजह है। जब भी बड़ा आवारा जानवर उसके फलों की टोकरियों की ओर देखता है, यह कुत्ता उन्हें खदेड़ देता है। कुत्ते का स्वागत ही उसने उसे लात मारकर किया। फिर पल्लू में घर से बांधकर लाई रात की बची रोटी उसके सामने फेंकती है। झिड़की देते हुए कहती है- 'बेकार कुत्ता है। इससे तो कॉकरोच भी नहीं डरता।' बेचारा कुत्ता रोटी का वह टुकड़ा उठाकर टब के बीच में बनी जगह में चला जाता है। जब भी कोई बकरी, गाय या बैल दिखती है वह सामने आकर दुकान से उन्हें खदेड़ता है।

दोनों ही राज्यों से उसकी दुकान पर आने वाले पर्यटकों को कमजोर जानवर पर तरस आता है। कुछ तो महिला को यह बताने की कोशिश भी करते हैं कि उसे अच्छा खाना खिलाओ। ताकि वह अपना काम ज्यादा बेहतर तरीके से करे। लेकिन महिला तीखी नजर से उन्हें देखकर ही चुप करा देती है। साथ ही दाग लगे दांत भी दिखाती है।

मुझे आश्चर्य इस बात का था कि बाजार में बैठी अन्य महिलाओं को ग्राहक जुटाने के लिए कोशिशें करनी होती हैं। जबकि इस महिला के पास ग्राहकों की भीड़ थी। एक स्थानीय रहवासी ने बताया कि वह कई भाषाएं जानती है। दोनों ही राज्यों के पारंपरिक पकवानों की जानकारी रखती है। थोड़ा-बहुत कन्नड़ भी बोलती है। भारतीय इतिहास से जुड़ी कई कहानियां उसे याद हैं। इसके अलावा उसे यह भी पता है कि सापुतरा में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। वह अपने गृहनगर की जानकारी देकर ग्राहकों को आकर्षित करती है।

इतना ही नहीं, वह अचानक युवा दंपतियों की संरक्षक बन जाती है। धैर्य के साथ उन्हें गाइड करती है कि किस रेस्त्रां में जाना चाहिए और कहां नहीं। उसे हिल स्टेशन पर होने वाली हर गतिविधि की जानकारी है। जैसे- बाइक राइडिंग, रोप-वे, हॉर्स राइडिंग। उसे यह भी पता है कि हिल स्टेशन पर खाने क वस्तुओं की दर क्या है। किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि आप क्रॉस चेक करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। ग्राहक को वह कुछ 'एक्स्ट्रा' जानकारी देती है। यही उसे ग्राहक से जोड़ता है।

फंडा यह है कि...

कोई आपको फूल लाकर देगा, इसका इंतजार मत करो। उसके बजाय अपना बगीचा खुद विकसित करो और अपनी आत्मा को सजाओ। ग्राहकों को वह 'एक्स्ट्रा' दो और अंतर देखो। 



 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Source: You Can Sell Anything If You Offer Your Customers Something Extra - Management Funda By 
N Raghuraman - Dainik Bhaskar 12th January 2014

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